unfoldingWord 28 - एगोठ जवान धनी आदमी

Muhtasari: Matthew 19:16-30; Mark 10:17-31; Luke 18:18-30
Nambari ya Hati: 1228
Lugha: Surgujia
Hadhira: General
Kusudi: Evangelism; Teaching
Features: Bible Stories; Paraphrase Scripture
Hali: Approved
Hati ni miongozo ya kimsingi ya kutafsiri na kurekodi katika lugha zingine. Yanafaa kurekebishwa inavyohitajika ili kuzifanya zieleweke na kufaa kwa kila utamaduni na lugha tofauti. Baadhi ya maneno na dhana zinazotumiwa zinaweza kuhitaji maelezo zaidi au hata kubadilishwa au kuachwa kabisa.
Maandishi ya Hati

एक दिन “एगोठ गिरहत आदमी ईसू ठन आईस अऊ ओकर जग पूछिस”गुरु अनंत जीवन पाए बर मोके का करेक परही? ईसू हर ओकर जग कहिस “तैं मोके गुरु कहिके काबर बलाथस? केवल एकेच झन गुरु हवे अऊ ओ परमेसवर हवे अगर तैं अनन्त जीवन पायेबर चाहत हस त परमेसवर कर आगियां ला मान।

ओहर पुछिस मोके कोन आगियां ला मानेक परहीं? ईसू हर कहिस “हत्या मत कर, व्यभिचार मत कर, चोरी झईन कर, झूठ झईन बोल, अपन दाई दाऊ कर आदर कर, अऊ अपन पड़ोसी जग अपनेच कस मया कर।

लेकिन जवान आदमी हर कहिस “मैं तो ए आगियां ला नान बड ले मानत आए हवों। मोके अब अऊ का करके परहीं कि मैं अनत जीवन ला पाये सकों? ईसू ओके देखिस अऊ मया करिस।

ईसू हर कहिस “अगर तैं सिध्द बनेक चाहत हस तो जा अपन सबेच जाएत ला बेंच दे अऊ गरीब मनके बाँएट दे, तोके सवरग में धन मिलही। तेकर आए के तैं मोर पिछु होए ले।

जे घरी जवान हर ईसू कर ए गोईठ ला सुनिस तो ओकर जीव हर ढ़ेरेच दुखाईस, काबर कि ओहर ढ़ेरेच गिरहत रहिस अऊ अपन धन ला छोंड़े बर नई चाहत रहिस। ओ टेढ़ाएके ईसू ठन ले चईल गईस।

तेकर ईसू हर चेला मन जग कहिस “गिरहत ला परमेसवर कर राएज में जाएबर ढ़ेरेच कठिन हवे। परमेसवर कर राएज में गिरहत कर जाएले लिखरी हवे की एगोठ ऊंट हर सुई कर बेदहा ले निकेल जाही।

जे घरी चेला मन ईसू कर ए गोईठ ला सुनिन, त ओमन अकबकाए गईंन, अऊ ओमन पुछिन” फेर कोन बाँएच सकत हवे? “

ईसू हर चेला मन कती देखिस अऊ कहिस “एहर लोग मन ले असम्भव हवे, लेकिन परमेसवर बर जम जाएत संभव हवे।

पतरस हर ईसू ला कहिस “हमन सबेच जाएत छोंएड़ के तोर पिछु आए हवन। हमके का प्रतिफल मिलहीं?

ईसू हर कहिस “जेमन मोर बर घर, भईया, बहिन, दाई, दाऊ, लईका चौवा अऊ सम्पति ला छोंडिस हवे। ओमन के सौगुना मिलही अऊ अनंत जीवन घला मिलही। लेकिन ढ़ेरेच झन जेमन आगू हवें ओमन पिछु होहीं, अऊ ढ़ेरेच झेमन पिछु हवें ओमन आगु होय जांही।