unfoldingWord 34 - यीशु दूसरी कहानियां सिखाता है
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रूपरेखा: Matthew 13:31-46; Mark 4:26-34; Luke 13:18-21;18:9-14
लिपि नम्बर: 1234
भाषा: Urdu Devanagari
दर्शक: General
विधा: Bible Stories & Teac
उद्देश्य: Evangelism; Teaching
बाइबल उद्धरण: Paraphrase
स्थिति: Approved
लिपिहरू अन्य भाषाहरूमा अनुवाद र रेकर्डिङका लागि आधारभूत दिशानिर्देशहरू हुन्। तिनीहरूलाई प्रत्येक फरक संस्कृति र भाषाको लागि बुझ्न योग्य र सान्दर्भिक बनाउन आवश्यक रूपमा अनुकूलित हुनुपर्छ। प्रयोग गरिएका केही सर्तहरू र अवधारणाहरूलाई थप व्याख्याको आवश्यकता हुन सक्छ वा पूर्ण रूपमा प्रतिस्थापन वा मेटाउन पनि सकिन्छ।
लिपि पाठ
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यीशु ने खुदा की बादशाही की बाबत कुछ और कहानियाँ सुनाईं ,मिसाल के तोर पर उस ने कहा “खुदा की बादशाही एक राई के बीज की तरह है जिसको किसी ने अपने खेत में बोया - आप जानते हैं कि राई का बीज सब बीजों में से छोटा होता है –“
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“मगर जब वह राई का बीज बढ़ता है तो खेत के सब दरख्तों से बड़ा हो जाता है यहाँ तक कि उस की डालियों पर हवा के परिंदे आकर बसेरा करने लगते हैं –“
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यीशु ने एक दूसरी कहानी सुनाई “खुदा की बादशाही ख़मीर की मानिंद है जिसको एक औरत ने तीन पैमाने आटे में लेकर मिला दिया और वह सारे गुंधे हुए आटे को ख़मीरा कर दिया ”-
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“खुदा कि बादशाही एक खेत में छिपे हुए ख़ज़ाने की मानिंद भी है – एक आदमी ने उसे पाया और उसे बहुत ज़ियादा चाहने लगा - सो उसने उसे फिर से गाड़ दिया वह उस ख़ज़ाने से इतना खुश था कि अपना सब कुछ बेच कर उस खेत को मोल ले लिया जिस में वह खज़ाना गड़ा हुआ था –“
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“ख़ुदा की बादशाही एक बड़ी कीमती मोती की भी मानिंद है - जब मोती के सौदागर ने उसे पाया तो अपना सब कुछ बेच डाला ताकि उस मोती को खरीद सके” -
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कुछ लोग थे जो सोचते थे कि खुदा उनको कबूल करेगा क्यूंकि वह अच्छे काम करते थे - यह लोग दूसरों को हक़ीर समझते थे जो उनकी तरह अच्छे काम नहीं करते थे - सो यीशु ने उन्हें एक कहानी सुनाई : “दो शख्स थे जो मंदिर में दुआ करने गए , उनमें से एक महसूल लेने वाला और दूसरा एक मज़हबी रहनुमा था –“
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उस मज़हबी रहनुमा ने इस तरह दुआ की ,ऐ खुदा “मैं तेरा शुकर करता हूँ कि मैं किसी दुसरे शख्स की मानिंद नहीं हूँ --- जैसे लुटेरे , बे इंसाफ़ , ज़िनाकार ,या इस महसूल लेने वाले की मानिंद जो वहाँ खड़ा है –“
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इसके अलावा मैं हफ्ते में दो बार रोज़ा रखता हूँ और मैं अपनी तमाम आमदनी का दसवां हिस्सा देता हूँ –“
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मगर महसूल लेने वाला उस मज़हबी रहनुमा से दूर खड़ा रहा - वह यहाँ तक कि आसमां कि तरफ नज़र उठा कर भी नहीं देखा बल्कि अपनी छाती पीटते हुए दुआ की कि ऐ खुदा मुझ पर रहम कर क्यूंकि मैं एक गुनाहगार हूँ –“
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फिर यीशु ने कहा ,”मैं तुम से सच कहता हूँ कि खुदा ने उस महसूल लेने वाले की दुआ सुनी और उस को रास्त्बाज़ क़रार दिया - उस ने मज़हबी रहनुमा की दुआ को ना पसन्द किया - खुदा हर उस शख्स को हक़ीर जानेगा जो घमंडी हैं मगर वह उनकी इज़्ज़त करेगा जो अपने आप को हलीम करते हैं “-