unfoldingWord 30 - यीशु पांच हज़ार लोगों को खिलाता है
概要: Matthew 14:13-21; Mark 6:31-44; Luke 9:10-17; John 6:5-15
スクリプト番号: 1230
言語: Urdu Devanagari
観客: General
目的: Evangelism; Teaching
Features: Bible Stories; Paraphrase Scripture
状態: Approved
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スクリプトテキスト
यीशु ने अपने रसूलों को फ़रक़ फ़रक़ गाँव में भेजा ताकि मनादी करे और लोगों को खुशखबरी की तालीम दे -जब वह वापस आए तो जो कुछ उन्होंने किया थ्वह यीशु से कहा -फिर यीशु उनके साथ एक वीरान जगह पर ले गया ताकि वह झील के उस पार कुछ देर के लिए आराम करे -सो उनहोंने एक कश्ती ली और झील के उस पार गए -
मगर वहां पर बहुत से लोग थे जिन्हों ने यीशु और उसके शागिदों को कश्ती से उतरते देखा -यह लोग झील के किनारे किनारे से भागे ताकि उनके सामने पहुँच सकें -सो जब यीशु और उस के शागिरद वहां पहुंचे तो लोगों की एक बड़ी भीड़ पहले से ही उनका इंतज़ार कर रही थी
यह बड़ी भीड़ 5000 आदमियों की थी जिन में औरतें और बच्चे शामिल नहीं थे -यीशु को लोगों पर बड़ा तरस आया -यह लोग यीशु के लिए वैसे थे जैसे बिन चरवाहे की भेड़ें -सो उस ने उन्हें खुदा की बादशाही की तालीम दी और उन के बीच जो बीमार थे उन्हें शिफ़ा बख्शी -
शाम के वक़्त शागिर्दों ने यीशु से कहा ,अभी देर होगई है ,लोगों को विदा कर कि वह पास के शहरों में जाकर अपने लिए खाना मोल लें –“
मगर यीशु ने शागिर्दों से कहा ,तुम ही इन्हें खाने को दो उन्हों ने यीशु से कहा ,”हम ऐसा कैसे कर सकते हैं ?हमारे पास तो सिर्फ पांच रोटी और दो छोटी मछलियाँ हैं –“
यीशु ने अपने शागिर्दों से कहा लोगों से कहो कि वे पचास पचास कि क़तार में घास पर बैठ जाएं -
तब यीशु ने उन पांच रोटियों और दो मछलियों को लिया और आसमां की तरफ़ देखकर खुदा का शुक्रिया अदा किया -
फिर यीशु ने रोटियों और मछलियों को तोड़ा -उन टुकड़ों को शागिर्दों को दिया कि लोगों में बाँट दे -शागिर्द लोगों में खाना बांटते गए और वह कभी ख़त्म नहीं हुआ ! तमाम लोगों ने अच्छी तरह से भर पेट खाया और सेर हो गए -
उस के बाद शागिर्दों ने उन खानों को जमा किया और बचे हुए खाने की बारह टोकरियाँ उठाई गयीं ! यह सारा खाना उन पांच रोटियों और दो मछलियों से आईं थीं -