unfoldingWord 29 - बे-रहम नौकर की कहानी
מתווה: Matthew 18:21-35
מספר תסריט: 1229
שפה: Urdu Devanagari
קהל: General
מַטָרָה: Evangelism; Teaching
Features: Bible Stories; Paraphrase Scripture
סטָטוּס: Approved
סקריפטים הם קווים מנחים בסיסיים לתרגום והקלטה לשפות אחרות. יש להתאים אותם לפי הצורך כדי להפוך אותם למובנים ורלוונטיים לכל תרבות ושפה אחרת. מונחים ומושגים מסוימים שבהם נעשה שימוש עשויים להזדקק להסבר נוסף או אפילו להחלפה או להשמיט לחלוטין.
טקסט תסריט
एक दिन पतरस ने यीशु से पूछा मैं अपने भाई को जब वह मेरे ख़िलाफ़ गुनाह करे तो मैं उसे कितनी दफ़ा मुआफ़ करूं ? क्या सात दफ़ा ?“ यीशु ने कहा ,”मैं नहीं कहता कि सात दफ़ा ,बल्कि सात के सत्तर दफ़ा “- यहाँ यीशु का कहना था कि हम को हमेशा मुआफ़ करनी चाहिए – फिर यीशु ने यह कहानी सुनाई :
यीशु ने कहा ,खुदा की बादशाही ऐसी है जैसी कि एक बादशाह अपने मुलाज़िमों से अपना हिसाब चुकता करना चाहता था – उसके मुलाज़िमों में से एक पर बहुत भारी क़र्ज़ा था जिस की क़ीमत 200,000 साल की मजदूरी थी
मगर नौकर इस बड़े कर्ज़े को अदा नहीं कर सकता था -सो बादशाह ने कहा , “इस शख्स को और इसके खानदान को गुलाम बतोर बेच दो ताकि क़र्ज़ की थोड़ी भरपाई हो “
नौकर ने बादशाह के आगे घुटने टेक कर कहा, “मुझ पर तरस खा ,मैं तेरा सारा क़र्ज़ा अदा कर दूंगा ,” तब बादशाह ने उस नौकर पर तरस खाया और उसका सारा क़र्ज़ा मुआफ़ करके उसे जाने दिया -
मगर जब वह नौकर बाहर आया तो उसने अपने एक साथी नौकर से मिला जिसपर चार महीने की मजदूरी के बराबर क़र्ज़ा आता था - उसने अपने साथी नकार को पकड़ा और कहा “मेरा क़र्ज़ा लौटा दे ,वरना अच्छा नहीं होगा -
उस साथी नौकर ने घुटने के बल गिर कर कहा ,”मुझ पर तरस खा ,मैं तेरा सारा क़र्ज़ा लोटा दूंगा ,पर उसने तरस नहीं खाया बल्कि उस को जेल भेज दिया जब तक कि वह क़र्ज़ा अदा नहीं करता -
दीगर नौकरों ने देखा कि क्या कुछ हुआ था और वह उस से बहुत गुस्सा हुए - और उन्हों ने जाकर बादशाह को सारी बातें बताईं -
बादशाह ने उस नौकर को बुलाया और कहा ,”ऐ शारीर नौकर , मैं ने तेरा सारा क़र्ज़ा इस लिए मुआफ किया था क्यूंकि तूने मुझ से गिड़गिड़ाया था - सो युझे भी वैसा ही करना चाहिए था - बादशाह बहुत गुस्सा हुआ और उसको क़ैद में डाल दिया जब तक कि वह सारा क़र्ज़ा अदा न करे -
फिर यीशु ने कहा ,”मेरा आसमानी बाप तुम में से हर एक से ऐसा ही सुलूक करेगा अगर तुम अपने भाई को दिल से मुआफ नहीं करोगे –“