unfoldingWord 33 - किसान कर कहनी
Περίγραμμα: Matthew 13:1-23; Mark 4:1-20; Luke 8:4-15
Αριθμός σεναρίου: 1233
Γλώσσα: Surgujia
Κοινό: General
Σκοπός: Evangelism; Teaching
Features: Bible Stories; Paraphrase Scripture
Κατάσταση: Approved
Τα σενάρια είναι βασικές οδηγίες για μετάφραση και ηχογράφηση σε άλλες γλώσσες. Θα πρέπει να προσαρμόζονται όπως είναι απαραίτητο για να είναι κατανοητές και σχετικές με κάθε διαφορετική κουλτούρα και γλώσσα. Ορισμένοι όροι και έννοιες που χρησιμοποιούνται μπορεί να χρειάζονται περισσότερη εξήγηση ή ακόμη και να αντικατασταθούν ή να παραλειφθούν εντελώς.
Κείμενο σεναρίου
एक झील कर धरी में ईसू एगोठ बड़खा भीड़ कर लोग मन ला सिखात रहीस।ढ़ेरेच बगरा लोग मन ईसू कर गोईठ ला सुने बर आईन। तेकर ईसू डोंगा में चईड़के जेहर धरी मे रहीस, ओमन जग गोठियाए लागीस, ओ डोंगा में बईठ के लोग मन ला सिखाए लागीस।
ईसू हर एकठे कहनी ला बताईस" एगोठ किसान रहीस जेहर बिहन बुने बर निकलीस। जे घरी ओ बिहन ला अपन हाँथ से बुनत रहीस चटिक बिहन हर डगर में गिर गईस अऊ चराई मन आएके ओ सबेच बिहन ला खाये देहीन ।
“चटिक बिहन हर पखनोरिहा जमीन में गिरिस, जेठन बगरा माटी नई रहिस। पखनोरिहा जमीन में गिरल बिहन हर हालु जागीस, लेकिन ओकर जएर हरजमीन कर खालहे नई ऊतर पाईस। जे घनि बेर ऊगीस अऊ घाम होईस, ए पौधा हर झुराए के मर गईस।”
“चटिक अऊ बिहन हर कंटादार झाड़ी कर मंझारे गिरिस। ओ बिहन हर बाढ़े लागीस लेकिन कंटा हर ओके ठेल देहिस। ओकरेले कंटादार झाड़ी कर मंझारे गिरल बिहन ले काँहिच जाएत नई होईस।
“चटिक अऊ बिहन हर कंटादार झाड़ी कर मंझारे गिरिस। ओ बिहन हर बाढ़े लागीस लेकिन कंटा हर ओके ठेल देहिस। ओकरेले कंटादार झाड़ी कर मंझारे गिरल बिहन ले काँहिच जाएत नई होईस।
ए कहनी हर चेला मन ला गड़बड़ी में डाएल देहिस। ओकरेले ईसू हर समझाईस, " बिहन परमेसवर कर वचन हवे। डगर ओ आदमी हवे जेहर परमेसवर कर वचन ला सुनथे, लेकिन नई समझे, अऊ सैतानहर वचन ला ओकर ठन ले चोराये लेथे। "
पखनोरिहा जमीन ओ आदमी हवे जेहर परमेसवर कर वचन ला सुनथे अऊ ढ़ेरेच आनन्द से मानथे। लेकिन जेघरि ओहर मुश्किल अऊ सताव ठन लड़थे, त बिसवास ले हट जाथे।
“कन्टादार झाड़ी ओ आदमी हवे जेहर परमेसवर कर वचन ला सुनथे, लेकिन जईसने समय बितत जाथे, चिन्ता, धन, दौलत अऊ जीवन कर अभिलाषा कर चलते परमेसवर कर वचन बरीक ओकर प्रेम कम होए जाथे। ओकरेले, वचन ओकर भीतरी फल नई लाएन सके।”
“लेकिन बढ़िया माटी ओ आदमी हवे जेहर परमेसवर कर वचन ला सुनथे, अऊ बिसवास करथे, अऊ फल लानथे।